रिपोर्ट के अनुसार, 61 मामले मुआवजे के लिए अयोग्य पाए गए, जो पिछले साल जनवरी-जून में हुए 20 ऐसे ही मामलों से तीन गुना अधिक है। इस साल जनवरी से जून तक बीड में 126, छत्रपति संभाजीनगर में 92, नांदेड़ में 74, परभणी में 64, धाराशिव में 63, लातूर में 38, जालना में 32 और हिंगोली में किसानों की आत्महत्या के 31 मामले सामने आए।